सोशल मीडिया पर वायरल “19 मिनट वीडियो” विवाद: फर्जी लिंक, बदनामी और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पिछले 24 घंटे से “19 मिनट वीडियो” नाम से एक कथित लिंक तेजी से वायरल हो रहा है। कई यूजर्स दावा कर रहे हैं कि 19 मिनट 34 सेकंड का एक निजी वीडियो इंटरनेट पर फैला हुआ है।साइबर विशेषज्ञों और पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर किसी के पास ऐसा कोई वीडियो गलती से भी भेजा जाए, तो उसे फ़ॉरवर्ड करना या डाउनलोड करना कानूनन अपराध है।

इंस्टाग्राम क्रिएटर्स को निशाना बनाया जा रहा है

वीडियो से मिलती-जुलती शक्ल बताकर कई सोशल मीडिया क्रिएटर्स, खासकर इंस्टाग्राम रील बनाने वाली लड़कियों को ट्रोल किया जा रहा है।कुछ यूजर्स बिना किसी प्रमाण के कंटेंट क्रिएटर्स के नाम तक उछाल रहे हैं, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंच रहा है।कई लड़कियों ने आगे आकर कहा है कि वायरल वीडियो उनसे जुड़ा नहीं है और सोशल मीडिया पर की जा रही यह हरकत गलत और आपत्तिजनक है।कथित वीडियो की सच्चाई अब तक स्पष्ट नहींयह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है कि—वीडियो असली है या मॉर्फ्ड,कौन इसमें शामिल है,यह वीडियो लीक हुआ या किसी ने जानबूझकर वायरल किया।सोशल मीडिया पर बिना पुष्टि के दावे तेजी से फैल रहे हैं, जबकि संबंधित कपल या किसी आधिकारिक एजेंसी की ओर से अब तक कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है।कुछ यूजर्स पैसे देकर वीडियो मांग रहे—साइबर अपराध का गंभीर मामलास्थिति चिंताजनक तब हुई जब कई यूजर्स ने एक्स, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर वीडियो मांगना शुरू कर दिया।कुछ लोग 500 रुपये से 5000 रुपये तक ऑफर करते देखे गए।साइबर सेल के अधिकारियों के अनुसार यह गंभीर साइबर अपराध की श्रेणी में आता है और ऐसी गतिविधियों में शामिल लोगों पर कार्रवाई हो सकती है।कानून क्या कहता है? MMS/Private Video शेयर करना बड़ा अपराधभारत में किसी भी प्रकार का अश्लील, निजी या आपत्तिजनक वीडियो शेयर करना स्पष्ट रूप से अपराध है।✔️ आईटी एक्ट 2000 – धारा 67पहली बार अपराध: 3 साल तक की जेल + 5 लाख रुपये जुर्मानादोबारा अपराध: 5 साल तक की जेल + अधिक जुर्माना✔️ आईटी एक्ट – धारा 67A (Sexually explicit content)पहली बार: 5 साल जेल + 10 लाख रुपये जुर्मानादोबारा: 7 साल तक जेल✔️ IPC की धारा 292, 293, 354Cअश्लील सामग्री का प्रसार,निजी क्षणों की तस्वीर या वीडियो शेयर करना,किसी की पहचान को नुकसान पहुंचानासभी अपराध की श्रेणी में आते हैं।पुलिस और साइबर विशेषज्ञों की चेतावनीअधिकारियों ने कहा है कि—किसी भी अपुष्ट वीडियो को देखना, मांगना, शेयर करना या फॉरवर्ड करना दंडनीय हैइसका डिजिटल ट्रेस मिलता हैपकड़े जाने पर सीधे गिरफ्तारी और केस हो सकता हैसमाज में अफवाहों और चरित्र हनन से बचेंविशेषज्ञों का कहना है कि बिना पुष्टि किए किसी की पहचान बताना या किसी लड़की/कंटेंट क्रिएटर को निशाना बनाना मानहानि, उत्पीड़न और साइबर बुलिंग है।ऐसी अफवाहें और गलत आरोप न केवल लोगों की छवि खराब करते हैं बल्कि साइबर कानून के तहत कार्रवाई भी हो सकती है।