राजस्थान विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए कहा कि अशोक गहलोत एक बार फिर पचपदरा रिफाइनरी को लेकर राजनीति कर रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि देरी और अव्यवस्था की असली शुरुआत उनकी ही सरकार ने की थी।2013 का शिलान्यास सिर्फ़ चुनावी दिखावा था : राठौड़राठौड़ ने कहा कि वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, आचार संहिता लागू होने से कुछ दिन पहले,कांग्रेस सरकार ने—बिना बजट प्रावधान,बिना पर्यावरणीय स्वीकृति,सिर्फ़ चुनावी लाभ के उद्देश्य सेसोनिया गांधी से रिफाइनरी का शिलान्यास करवाया था, जो केवल एक राजनीतिक प्रदर्शन था। इस शिलान्यास का धरातल पर कोई वास्तविक आधार नहीं था, न योजना, न तैयारी।कांग्रेस सरकार की रिटेण्डरिंग और निर्णयहीनता से प्रोजेक्ट वर्षों पीछे गयाराठौड़ ने कहा कि गहलोत सरकार के समय—बार-बार रिटेण्डरिंग,लगातार फ़ैसले बदलना,बाहर से आने वाले उपकरणों की समय पर व्यवस्था न कर पानाजैसी अव्यवस्थाओं के कारण परियोजना कई वर्षों पीछे चली गई।इसके विपरीत, भाजपा सरकार ने प्रोजेक्ट को फिर से गति दी, समयबद्ध ट्रैक पर खड़ा किया और रिकॉर्ड गति से निर्माण कार्य बढ़ाया।रिफाइनरी निर्माण 90.1% से अधिक पूरा : राठौड़राठौड़ ने बताया कि रिफाइनरी परियोजना की 13 यूनिट्स में से 9 यूनिट्स का 96% से अधिक निर्माण पूरा हो चुका है,जबकि शेष 4 यूनिट्स में भी तेजी से काम चल रहा है।➡️ कुल मिलाकर 90.1% से अधिक कार्य पूर्ण होकर परियोजना अंतिम चरण में है।मुंदड़ा पोर्ट पर क्रूड ऑयल आना सरकार की दक्षता का प्रमाणराठौड़ ने कहा कि भाजपा सरकार केवल ट्वीट नहीं करती, बल्कि काम करके दिखाती है।इसी का प्रमाण है कि दिसंबर 2025 में मुंदड़ा पोर्ट पर क्रूड ऑयल प्राप्त किया जा रहा है, जो परियोजना की तेजी से प्रगति दर्शाता है।कमीशनिंग कार्य जनवरी 2026 से शुरू होने की संभावनारिफाइनरी सेक्शन का मैकेनिकल कम्पलीशन: 31 दिसंबर 2025 तककमीशनिंग कार्य: जनवरी 2026 से संभावित शुरूउन्होंने बताया कि नवंबर 2025 तक—₹76,074 करोड़ के क्रयादेश जारी,₹62,888 करोड़ व्ययहो चुके हैं।नवीनतम अनुमान के अनुसार परियोजना की लागत ₹79,459 करोड़ रहने वाली है।राठौड़ ने आरोप लगाया कि गहलोत बिना आधार के आंकड़े उछालकर जनता को भ्रमित कर रहे हैं।“गहलोत जी, अब औद्योगिक विकास की राह में बाधा न डालें” : राठौड़राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार की सुस्ती, अव्यवस्था और निर्णयहीनता ने परियोजना को पीछे धकेला,जबकि भाजपा सरकार ने इसे फिर से ट्रैक पर लाकर गति दी है।उन्होंने कहा—“अब जब राजस्थान औद्योगिक विकास के नए युग में प्रवेश कर रहा है, गहलोत जी कम से कम इसकी प्रगति में बाधा बनने का प्रयास न करें।”




