द्रव्य पोर्टल आयुष विज्ञान को डिजिटल युग से जोड़ने की ऐतिहासिक पहल : मदन राठौड़

जयपुर: भाजपा राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने संसद में द्रव्य पोर्टल की प्रगति और महत्व पर सवाल उठाते हुए आयुष क्षेत्र में हो रहे डिजिटल बदलाव को ऐतिहासिक करार दिया। राठौड़ के सवाल का जवाब देते हुए आयुष मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने बताया कि द्रव्य पोर्टल भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को आधुनिक तकनीक से जोड़ते हुए एक प्रमाणिक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म उपलब्ध करा रहा है।डिजिटल युग में पारंपरिक चिकित्सा का संरक्षणसांसद राठौड़ ने कहा कि विश्वभर में आयुर्वेद अपनी प्रभावशीलता और वैज्ञानिक स्वरूप के लिए प्रसिद्ध है। मोदी सरकार ने इसी प्राचीन चिकित्सा परंपरा को डिजिटल पहचान देने के लिए “द्रव्य पोर्टल” की शुरुआत की है। यह ज्ञान आधारित भविष्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में भारत की अग्रणी भूमिका सुनिश्चित करेगा।सीसीआरएएस द्वारा विकसित, उपयोगकर्ता-अनुकूल पोर्टलराज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने बताया कि यह पोर्टलकेंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (CCRAS) द्वारा विकसित किया गया है।इसका उद्देश्य है—आयुष द्रव्यों का वैज्ञानिक व प्रमाणिक डेटाबेस तैयार करनाआहार व औषधि दोनों की जानकारी उपलब्ध करानाशोधकर्ताओं, छात्रों और वैद्याचार्यों के लिए त्वरित सर्च सुविधाडिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम के साथ एकीकृत होना378 औषधीय पौधों की जानकारी पोर्टल पर उपलब्धमंत्री जाधव ने बताया कि पोर्टल पर अब तक 378 औषधीय पौधों की वैज्ञानिक एवं प्रमाणिक जानकारी अपलोड की जा चुकी है।सभी पौधों का चयन—आयुर्वेद में पारंपरिक उपयोगप्रामाणिक ग्रंथों में वर्णनवैज्ञानिक सत्यापनके आधार पर किया गया है।23 सितंबर 2025 को आयुर्वेद दिवस पर लॉन्चयह पोर्टल आयुष मंत्रालय की प्रमुख डिजिटल पहलों का हिस्सा है, जिसे आयुर्वेद दिवस 2025 पर लॉन्च किया गया। आयुष मंत्रालय इसे अन्य डिजिटल स्वास्थ्य प्लेटफ़ॉर्म से जोड़ने की तैयारी में है, जिससे—स्वास्थ्य मानकीकरणआसान पहुंचअनुसंधान सहयोगवैश्विक स्तर पर भारतीय चिकित्सा पहचान मजबूत करनेमें तेजी आएगी।भारत को वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जाने वाली पहलसांसद मदन राठौड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आयुष चिकित्सा प्रणाली को विश्व पटल पर नए वैज्ञानिक स्वरूप में स्थापित किया जा रहा है। द्रव्य पोर्टल आयुर्वेद के पारंपरिक ज्ञान को सुरक्षित रखने के साथ शोध, शिक्षा और उपचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देगा।